न्यायालय ने लाइसेंस शुल्क लौटाने, लूप टेलीकॉम की याचिका खारिज की
नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने 2जी लाइसेंस के लिए ‘लूप टेलीकॉम’ द्वारा दिए गए 1,454 करोड़ रुपए वापस करने और लाइसेंस रद्द होने के बाद उसकी प्रतिष्ठा को हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए 1,000 करोड़ रुपए दिए जाने का अनुरोध करने वाली याचिका को गुरुवार को खारिज कर दी। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने कहा कि 2जी स्पेक्ट्रम लाइसेंस देने संबंधी ‘पहले आओ-पहले पाओ’ की मनमानी नीति की लाभार्थी कंपनी, उस और उसके निदेशकों को आपराधिक मामले में बरी करने के निचली अदालत के फैसले का लाभ नहीं उठा सकती। ‘लूप टेलीकॉम लिमिटेड ने अपनी याचिका में दूरसंचार विभाग को निर्देश दिए जाने का अनुरोध किया था कि वह 21 सेवा क्षेत्रों में ‘यूनिफाइड एक्सेस लाइसेंस के लिए लाइसेंस शुल्क के रूप में भुगतान किए गए 1,454.94 करोड़ रुपये वापस करे। ये 21 लाइसेंस उन 122 लाइसेंस में शामिल थे, जिन्हें न्यायालय ने याचिकाओं के एक समूह की सुनवाई के दौरान 2012 में रद्द कर दिया था। इनमें से एक याचिका गैर सरकार संगठन ‘सेंटर ऑफ पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन‘ ने दायर की थी, जिसके जरिए उसने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था।