हर्षोल्लास के साथ मनाया फूलदेई त्यौहार

 

उत्तरकाशी। सोमवार को नगर और ग्रामीण क्षेत्रों में फूलदेई का पर्व धूमधाम से मनाया गया। बच्चों ने घर-घर जाकर देहली पर फूल और चावल अर्पित कर फूलदेई छम्मा देई, दैणी द्वार भर भकार.. गीत गाकर लोगों की सुख समृद्धि की कामना की। सोमवार को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में फूलदेई पर्व की शुरुआत बड़े हर्षोल्लास के साथ की गई। इस मौके पर छोटो- छोटे बच्चो एवं मां गोधा माता की प्रतीक डोली के साथ सभी मन्दिरों में फ्योंली के फूल डेली पर पर चढ़ायें । वहीं इसके बाद सभी ढोल की थाप पर जिलाधिकारी व एसपी के आवास पहुंचे और देली पूजन कर चावल और पुष्प अर्पित किए। वहीं दूसरी ओर तहसील व ग्रामीण क्षेत्रों में भी फूलदेई त्योहार को लेकर बच्चों में काफी उत्साह रहा। लोगों ने बच्चों को गुड़, चावल, फल और पैसे उपहार में दिए। इस मौके पर विश्वनाथ मंदिर के महंत अजय पुरी ने फूल देई त्योहार की महत्ता बताई। कहा कि भगवान भोले नाथ एक बार अपनी तपस्या में लीन थे। ऋतु परिवर्तन के कई वर्ष बीत गये, लेकिन भोलेनाथ की तंद्रा नहीं टूटी। आखिर मां पार्वती ने एक युक्ति निकाली कविलास में सर्व प्रथम फ्योंली के फूल खिलने के कारण सभी शिवगणों को पीताम्बरी जामा पहनाकर उन्हें अबोध बच्चो का स्वरूप दे दिया, फिर सभी से कहा कि वह देवक्यारियों से ऐसे पुष्प चुन लायें। जिसकी खुशबू पूरे कैलास को महकायें, सब ने अनुसरण किया और पुष्प सर्व प्रथम शिव के तंद्रालीन मुद्रा को अर्पित किये गये। इस मौके पर रमेश चौहान, मोहन डबराल, सुरेन्द्र गंगाड़ी, भगतराम, माधव भट्ट, अंकित ममगांई, पारस कोटनाला, दिव्यांश, आयूषि, रूहि, आयुष,स्नेहा, अंकिता आदि मौजूद रहे।

 

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