इटौंजा क्षेत्र के गांवों में विकास की योजनाएं तार-तार
लखनऊ
स्थानीय विकासखंड के अंतर्गत इटौंजा क्षेत्र के गांवों में विकास की योजनाएं तार-तार हो रही हैं। जर्जर पंचायत भवन, अधूरे सुलभ शौचालय व दिव्यांग शौचालय तथा इज्जत घर सहित अन्य विकास की योजनाएं ग्राम पंचायतों के विकास को उजागर करती हैं?। जबकि उच्चाधिकारी विकास की योजनाओं के गीत गाते नहीं थकते हैं। जबकि गांवों में विकास कोसों दूर है।
विकासखंड बख्शी का तालाब में 18 मई 2022 की प्रगति रिपोर्ट के अनुसार ग्राम पंचायत भवन के निर्माण का लक्ष्य 19 है पर अभी तक 16 पंचायत भवनों का निर्माण संभव हो सका है। आजादी के 75 वर्ष बाद भी परसहिया ग्राम पंचायत में पंचायत भवन का निर्माण संभव नहीं हो सका है। इसी क्रम में पारा व पालपुर में पंचायत भवन अधूरे पड़े हैं। इसके अलावा लगभग 20 प्रतिशत पंचायत भवन खंडहर में तब्दील हो गए हैं। पंचायत भवन खंडहर होने की वजह से सचिव लेखपाल व अन्य कर्मी पंचायत के विकास की योजनाएं तथा अन्य कार्य किसी तरह निपटाते हैं। इसी क्रम में एसवीएम फेज़ दो 1745 निर्माण का लक्ष्य है। जिसमें 1468 पूर्ण हो चुके हैं और 277 निर्माणाधीन है। इसके अलावा अंत्येष्टि स्थल तीन निर्माण होने का लक्ष्य है। अभी तक एक भी अंत्येष्टि स्थल का निर्माण नहीं हो सका है। पंचायत भवन 15 निर्माण करने का लक्ष्य है पर अभी तक दो का निर्माण हो सका है। जिसमें 13 पंचायतों के भवन निर्माणाधीन है। इसके अलावा सुलभ शौचालय 94 पंचायतों में बनाने का लक्ष्य है। 93 सुलभ शौचालयों का निर्माण हो सका है। रेवामऊ तथा अन्य पंचायतों में सुलभ शौचालय बनाकर आधे अधूरे छोड़ दिए गए हैं। और कागज पर पूर्ण दर्शा कर प्रधान व सचिव ने अपना पल्लू झाड़ लिया है। दिव्यांग शौचालय की दशा इससे भी गई गुजरी है। इटौंजा व बीकेटी क्षेत्र में 94 ग्राम पंचायतों में यह आंकड़े उनके विकास की पोल खोल देते हैं। आज भी गांव विकास के लिए तरस रहे हैं। जब इस संबंध में खंड विकास अधिकारी बीकेटी पूजा सिंह से जानकारी की गई तो उन्होंने बताया कि इस मामले की जांच की जाएगी।जबकि हर बार जांच का बहाना बताकर मामले को खण्डविकास अधिकारी टाल देती हैं। कुछ दिन बाद फिर मामला टांय टांय फिश हो जाता है। यदि जिले के किसी भी उच्चाधिकारी द्वारा इस संबंध में स्थलीय निरीक्षण किया जाएगा तो हकीकत सामने आ जाएगी।