गुरुकुल कांगड़ी विवि में हुआ “वेदों में अध्यात्म” विषय पर एक विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन

 

हरिद्वार। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र विभाग में  “वेदों में अध्यात्म” विषय पर एक विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता आर्य समाज के सुनाम धन्य संत योगी वैदिक विद्वान एवं तपस्वी स्वामी (डॉ.) विधेय योगी जी रहे। व्याख्यान में स्वामी जी ने अध्यात्म के शास्त्रीय स्रोतों पर प्रकाश डालते हुए उसके व्यावहारिक अर्थों को श्रोताओं के समक्ष प्रस्तुत किया। उन्होंने जीवन में अध्यात्म की आवश्यकता को समझाते हुए कहा कि मानव के लिए सबसे अधिक मूल्यवान् शांति है और शांति अध्यात्म का ही प्रतिफल है। रुचिकर कथाओं के माध्यम से उन्होंने बताया कि किस प्रकार आचार-विचार की शुचिता अध्यात्म का केंद्रीय तत्त्व है तथा मन का आत्मा के नियंत्रण में होने एवं प्रवृत्ति से निवृत्ति की ओर जाने की प्रक्रिया का नाम ही अध्यात्म है एवं यही जीवन जीने का मार्ग है। व्याख्यान में विभिन्न श्रोताओं ने भी अपनी आध्यात्मिक जिज्ञासा प्रश्नों के द्वारा स्वामी जी के सम्मुख प्रस्तुत की। जिसका उन्होंने अत्यंत ही सहज, सरल एवं व्यावहारिक समाधान प्रदान किया। व्याख्यान के सत्र का संचालन डॉ0 बबलू वेदालंकार ने किया। डॉ0 भारत वेदालंकार ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस कार्यक्रम में डॉ0 विपिन बालियान, डॉ0 मीरा त्यागी, डॉ0 मनोज कुमार, आशीष कुमार एवं विभाग के विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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