त्याग और तपस्या की साक्षात प्रतिमूर्ति थे ब्रह्मलीन महंत सतनाम दास महाराज -मुखिया महंत रघुमुनि
हरिद्वार। ब्र्ह्मलीन महंत सतनाम दास महाराज का भावपूर्ण स्मरण करते हुए संत समाज ने उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। कनखल स्थित श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदसीन में आयोजित श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए मुखिया महंत रघुमुनि महाराज ने कहा कि त्याग और तपस्या की साक्षात प्रतिमूर्ति ब्रह्मलीन महंत सतनाम दास महाराज ने जीवन पर्यन्त सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में व्यतीत किया। सभी को उनके जीवन से प्रेरणा लेते हुए मानव कल्याण व संत सेवा में योगदान करना चाहिए। यही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी। महंत सुयोग मुनि महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत सतनाम दास महाराज परम तपस्वी एवं विद्वान महापुरूष थे। सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। कोठारी महंत दामोदर दास महाराज एवं महंत कमलदास महाराज ने कहा कि तपस्वी संतों का जीवन सदैव समाज को प्रेरणा देता है। ब्रह्मलीन महंत सतनाम दास महाराज ने समाज को ज्ञान की प्रेरणा देकर सदमार्ग पर अग्रसर किया। महंत जसविन्दर सिंह महाराज एवं महंत निर्मल दास महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत सतनाम दास महाराज दिव्य संत थे। गाय, गौ, गंगा सेवा ही उनके जीवन का लक्ष्य था। उनके विचार और कृतित्व सदैव समाज को प्रेरित करते रहेंगे। ब्रह्मलीन महंत सतनाम दास महाराज के शिष्य महंत बाबा नीलकंठ दास महाराज ने कहा कि वे सौभाग्यशाली है कि उन्हें गुरू के रूप में ब्रह्मलीन महंत सतनाम दास महाराज का सानिध्य प्राप्त हुआ। धर्म शास्त्रों का उनका ज्ञान विलक्षण था। गुरूदेव से प्राप्त शिक्षाओं व ज्ञान का अनुसरण करते हुए वे संत सेवा व मानव कल्याण में योगदान करते रहेंगे। महंत मुरली दास, स्वामी संतोषानंद, स्वामी जगदीश दास, महंत जयेंद्र मुनि, महंत निरंजन दास, महंत दर्शन दास, महंत प्रेमदास, महंत गोविंददास सहित बड़ी संख्या में संतों ने ब्रह्मलीन महंत सतनाम दास महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें महान संत बताया।