जिला अस्पताल में बेड फुल, कई मरीजों को लौटाया गया

मुरादाबाद

कोरोना संक्रमण दिनों दिन विकराल रूप लेता जा रहा है। अपनों के इलाज को लोग सरकारी और निजी अस्पतालों में बेड और आक्सीजन को दौड़ रहे हैं। लेकिन कोरोना की इस लहर में जहां अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहे तो वहीं कई जगह आक्सीजन की किल्लत से लोगों की मुश्किलें बढ़ रही हैं। शनिवार को कई लोग अपनों को गंभीर हालत में लेकर जिला अस्पताल पहुंचे लेकिन अस्पताल में बेड फुल होने की वजह से वापस लौटा दिया गया। इलाज न होने पर कुछ तीमारदारों ने हंगामा भी किया। कई गंभीर मरीजों का ट्रीटमेंट स्ट्रेचर पर शुरू किया है, बेड खाली होते ही उनको बेड पर शिफ्ट करा दिया जाएगा।
शनिवार को जिला अस्पताल इमरजेंसी पर कई तीमारदार मरीजों लेकर पहुंचे, इसमें से कई की हालत काफी गंभीर थी लेकिन अस्पताल में एक भी बेड खाली न होने पर मरीजों को वापस लौटा दिया। कई मरीजों के तीमारदारों ने आरोप लगाया कि अस्पताल जानबूझकर उनके मरीजों का इलाज नहीं कर रहा है। बेड होने के बाद भी वापस किया जा रहा है। शनिवार को अस्पताल में कई ऐसे मरीज भी पहुंचे जिनके तीमारदार सिलेंडर की व्यवस्था करके लाए लेकिन बेड न होने की वजह से उनको इलाज नहीं मिल पाया। वहीं दूसरी ओर अस्पताल के डाक्टरों ने कुछ मरीजों को स्ट्रेचर पर लेकर उपचार शुरू किया। कुछ मरीज के जाने पर बेड खाली होने के हिसाब से मरीजों को रोककर उनका ट्रीटमेंट शुरू किया गया।
अस्पताल में लगातार कोरोना और अतिगंभीर मरीजों के पहुंचने का सिलसिला जारी है। दिक्कत यह आ रही है कि जिस मरीज का आक्सीजन लेबल 94 -95 प्रतिशत भी हो जा रहा है वह आक्सीजन छोड़ने को तैयार नहीं हैं, जिससे कई जरूरत वाले मरीजों को आक्सीजन नहीं मिल पा रही है। सख्ती करने पर हो हल्ला शुरू हो जा रहा है।
अस्पताल प्रबंधन पर 11 आक्सीजन कंसंट्रेटर और 19 जंबो सिलेंडर है। आक्सीजन भरपूर है लेकिन मरीजों की संख्या बढ़ने से सबको इलाज दे पाने में दिक्कत आ रही है।
डा. कल्पना सिंह,प्रमुख चिकित्साधीक्षक

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