मुख्यमंत्री दरबार पहुंचा एकलव्य विद्यालय का विवाद

विकासनगर। एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय का विवाद मुख्यमंत्री दरबार तक पहुंच गया है। एकलव्य अभिभावक संगठन ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंप विवाद के जल्द निस्तारण की मांग की है। मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपने पहुंचे अभिभावकों ने बताया कि जनजाति कल्याण निदेशालय के एक उच्च पदस्थ अधिकारी व्यक्तिगत स्वार्थपूर्ति के लिए सैकड़ों बच्चों का भविष्य दांव पर लगा रहे हैं। आरोप लगाया कि उक्त अधिकारी कुछ माह पूर्व विद्यालय के औचक निरीक्षण पर आए थे, जिन्होंने प्रधानाचार्य से सरकारी सेवा नियमावली के विपरीत मांग की, जिसे पूरा नहीं किए जाने पर विद्यालय में अव्यवस्थाएं पैदा कर दी। बताया कि अधिकारी ने अपने रिश्तेदारों को शिक्षक के पद पर तैनाती देनी भी शुरू कर दी। प्रधानाचार्य पद पर अपने चहेते की तैनाती कर वे विद्यालय को अपने इशारों पर संचालित करने की कोशिश कर रहे हैं, जिसका अभिभावकों ने विरोध किया। बताया कि कुछ समय पूर्व विद्यालय में प्रधानाचार्य के लिए साक्षात्कार किया गया, जिसमें वर्तमान उप प्रधानाचार्य भी शामिल हुईं। उच्च अधिकारी के इशारों पर साजिश के तहत उन्हें अंतिम स्थान पर रखते हुए अपने चहेते अभ्यर्थी की तैनाती का प्रयास किया गया। अधिकारी इन हरकतों से विद्यालय का शैक्षणिक माहौल प्रभावित हो रहा है। अभिभावकों ने सीएम को बताया कि अधिकारी के गैर जिम्मेदाराना व्यवहार से आजिज आकर उन्होंने अपने विद्यालय से वापस बुला लिए। कहा कि सभी विद्यालयों में इन दिनों नया शिक्षा सत्र शुरू हो चुका है, लेकिन उनके बच्चे घर बैठे हुए हैं, जिससे उनकी पढ़ाई का नुकसान हो रहा है। अभिभावकों ने मुख्यमंत्री से विद्यालय संबंधी विवाद का सर्वमान्य हल निकालने की मांग की है। ज्ञापन सौंपने वालों में दिगंबर चौहान, नरेंद्र चौहान, बलराम जोशी, रणवीर सिंह, केशर वर्मा आदि शामिल रहे।

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