वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के विचार आज भी प्रासंगिक

 

श्रीनगर गढ़वाल। ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) छात्र संगठन श्रीनगर की ओर से पेशावर विद्रोह को याद करते हुए वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के विचारों की आज के दौर में प्रासंगिकता विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस दौरान छात्रों एवं अन्य लोगों ने पेशावर कांड की वर्षगांठ पर नायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए उनके शौर्य एवं साहस को याद किया। रविवार को बिड़ला परिसर के सीनेट हॉल में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता गढ़वाल विवि बिड़ला परिसर के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष इंद्रेश मैखुरी ने कहा कि गढ़वाली के नेतृत्व में गढ़वाली सैनिकों ने अंग्रेजों द्वारा आजादी की लड़ाई को सांप्रदायिक रंग देने के षड़यंत्र को विफल कर दिया। कहा गढ़वाली से प्रेरणा ग्रहण करते हुए आज भी सांप्रदायिक विभाजन पैदा करने की हर कोशिश को नाकाम करना चाहिए। आइसा के पूर्व नगर अध्यक्ष कपूर रावत ने कहा कि आज के समय युवाओं को आगे बढ़कर नेतृत्वकारी भूमिका में आने की आवश्यकता है। छात्रसंघ उपाध्यक्ष रोबिन सिंह असवाल ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों में युवाओं की भूमिका सराहनीय है, भविष्य में भी इस प्रकार के कार्यक्रमों की निरंतरता बनी रहेगी। पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष व शोध छात्र अंकित उछोली ने कहा कि वर्तमान दौर में चंद्र सिंह गढ़वाली को और पढ़े जाने और उनकी समझौता विहीन परंपरा को आगे बढ़ाने की जरूरत है। संचालन आइसा नगर कोषाध्यक्ष हिमांशी नौटियाल ने किया। कार्यक्रम में आइसा नगर सचिव समरवीर रावत, उपाध्यक्ष अतुल रावत, सहसचिव प्रियंका खत्री, डॉ. सुमित रिंगवाल, रितिक नेगी, सोनी, अंकित राणा, सुधांशु थपलियाल, अमित प्रसाद भट्ट, नीरज पंचोली, यशवंत राणा, रोशन कुमार, प्रदीप बिष्ट, अनमोल वर्मा, शिवांश चौहान अभय आदि मौजूद रहे।

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