20 साल की सर्विस और 50 साल उम्र पूरी करने वाले अफसरों की कराई जा रही पड़ताल

भोपाल।

आर्थिक अनियमितताओं में दोषी पाए गए करीब आधा दर्जन अफसरों को सरकार पहले ही अनिवार्य सेवानिवृत्त दे चुकी है। अब नए सिरे से ऐसे अफसरों के नाम मांगे गए हैं, जिन्हें सरकारी सेवा से पृथक किया जा सके। इसके लिए जीएडी ने भ्रश्ट अधिकारियों, कर्मचारियों के नाम विभागों से मांगे हैं। विभागों को इस संबंध में दिसम्बर तक प्रक्रिया पूरी कर नाम जीएडी को भेजने होंगे। प्रदेश के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ लगातार पद के दुरुपयोग अथवा आर्थिक अनियमितताओं की गंभीर शिकायतें मिली हैं, उन्हें सेवा में रखना है या नहीं, सरकार इस पर अब निर्णय लेगी। इसके तहत 20 साल की सेवा और 50 साल की आयु पूरी करने वाले अयोग्य अधिकारियों की सेवा समाप्त की जाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर सभी विभाग को ऐसे अधिारियों की सूची तैयारकरने को कहा गया है। मुख्यमंत्री ने कलेक्टर-कमिश्नर, आइजी-एसपी कान्फ्रेंस में अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि ऐसे अधिकारी-कर्मचारी, जो अपने दायित्व नहीं निभाते हैं और पद का दुरुपयोग करते हैं उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। सामान्य प्रशासन विभाग ने 20 साल की सेवा और 50 साल की आयु पूरी करने वाले अधिकारियों तथा कर्मचारियो के सेवा अभिलेखों की पड़ताल करने के लिए सभी विभागों से कहा है। जीएडी स्वयं आईएएस, राज्य प्रशासनिक सेवा और मंत्रालयीन सेवा के अधिकारियों-कर्मचारियों के सेवा अभिलेखों की पड़ताल करेगा। गृह विभाग आईपीएस, राज्य पुलिस सेवा, वन विभाग, आईएफएस और राज्य वन सेवा के अधिकारियों के अभिलेखों की जांच करने के बाद रिपोर्ट तैयार करेगा। इन सभी विभागों को दिसम्बर तक यह प्रक्रिया पूरी करने के लिए कहा गया है। राज्य सरकार ने पिछले कुछ सालों में आर्थिक अनियमितता के आरोपों में घिरे आईएएसअधिकारी एमके सिंह, आईपीएस डॉ. मयंक जैन और आईएफएस देवेश कोहली की सेवाएं समाप्त करने की अनुशंसा की थी, जिसके आधार पर केन्द्र सरकार इनकी सेवाएं समाप्त कर चुका है। साथ ही भ्रष्टाचार के आरोपों में फंसे जिला खनिज अधिकारी प्रदीप खन्ना की सेवा सर्विस रिकार्ड के आधार पर समाप्त की जा चुकी है। साथ ही आयकर छापे में करोड़ों की संपत्ति उजागर होने के बाद अरविंद-टनू जोशी सहित एक अन्य मामले में फंसी शशि कर्णावत को सेवा से बर्खास्त किया जा चुका है। सूत्रों ने बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग में हुए मानदेय घोटाले में शामिल अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की तैयारी है। उधर, नगरीय प्रशासन आयुक्त निकुंज श्रीवासतव ने सभी संभागीय संयुक्त संचालकों को नगर निगम और नगर पालिका में पदस्थ अधिकारियों की जांच कर रिपोर्ट देने के लिए कहा है।

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