कल्लू की मौत कैसे हुई परिजनों को नहीं मालूम,बयान से मुकरे

कानपुर।

कानपुर में कल्याणपुर पुलिस की कस्टडी में रहे जितेंद्र श्रीवास्तव उर्फ कल्लू की मौत के बाद मंगलवार सुबह परिजनों ने आरोप लगाया कि जितेंद्र की मौत पुलिस की पिटाई से हुई है,लेकिन रात होते ही वे अपने बयान से मुकर गए। अब उनका कहना है कि जितेंद्र की मौत बीमारी से हुई है।
हालांकि,शरीर पर मिले चोट के निशान कई सवाल खड़े कर रहे हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी मौत का कारण स्पष्ट नहीं है। इसके साथ ही पुलिस ने अपना दामन साफ रखने के लिए पड़ोसी वाईएस दीक्षित पर हत्या की एफआईआर दर्ज करके मामले की जांच शुरू कर दी है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट नहीं
चकेरी कांशीराम ट्रामा सेंटर के डॉ. एसपी कटियार व घाटमपुर सीएचसी के डॉ. जय प्रकाश के पैनल में शव का पोस्टमार्टम किया गया। पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार जितेंद्र की मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। उसकी आंतों में छेद मिले हैं।
डॉक्टरों ने अधिक शराब का सेवन करने से आंतों में छेद होने का तर्क दिया है। शरीर पर मिले निशानों को पिटाई का निशान नहीं, बल्कि डेड बॉडी के एक ही स्थान पर लंबे वक्त तक पड़े रहने से खून के जमने से बनने वाले निशान बताए। मौत की सही वजह बिसरा रिपोर्ट के आने के बाद पता चल सकेगी। अब परिजनों का कहना है कि उन्होंने पुलिस को पीटते नहीं देखा था। कल्लू की मौत कैसे हुई उन्हें नहीं मालूम है। एफआईआर में भी किसी पुलिस कर्मी पर हत्या का आरोप नहीं लगाया।
परिवार को मुआवजा और मकान का आश्वासन
देर शाम मृतक जितेंद्र उर्फ कल्लू के घर तहसील की टीम पहुंची। उन्होंने मां और परिवार के अन्य सदस्यों के बारे में जानकारी ली। इसके साथ ही परिवार का पूरा सिजरा और आय की स्थितियों के बारे में जाना। डीसीपी के साथ तहसील कर्मियों ने परिजनों को जानकारी दी है कि वह शासन को एक मकान और मुख्यमंत्री राहत कोष से मुआवजा दिलाने के लिए लिखेंगे।
चोरी की एफआईआर कराने वालों पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज
जितेंद्र उर्फ कल्लू की मौत के मामले में पुलिस ने पड़ोसी जल निगम से रिटायर एक्सईएन वाईएस दीक्षित पर हत्या की एफआईआर दर्ज की है। वाईएस दीक्षित की सॉफ्टवेयर इंजीनियर बेटी अंजली ने कल्याणपुर पुलिस पर सवाल खड़े किए हैं।
अंजली का कहना है कि उनके घर में चोरी हुई थी। उन्होंने शक के आधार पर पड़ोसी कल्लू पर चोरी का आरोप लगाते हुए कल्याणपुर थाने मेंएफआईआर कराई थी। उन्हें क्या मालूम था कि चोरी की एफआईआर कराने की सजा में पुलिस उन्हें खुद ही हत्या का गुनहगार बना देगी। पुलिस ने वाईएस दीक्षित को दोपहर में हिरासत में लिया था, लेकिन परिजनों के दबाव के बाद देर रात छोड़ दिया और कुछ दिन शहर से बाहर रहने की हिदायत भी दी है। जब तक कल्लू की मौत का मामला शांत नहीं हो जाता है।

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