डेल्टा से कम घातक है कोरोना संक्रमण का नया वेरिएंट ओमिक्रान,लोग बेफिक्र न रहे बल्कि सतर्क रहें

कानपुर।

कोरोना संक्रमण के नए वेरिएंट ओमिक्रान से डरने नही सावधान रहने की जरूरत है। इतना ही नही कोरोना का यह वेरिएंट डेल्टा से कम घातक है। अंतरराष्ट्रीय स्टडी के बाद यह बात सामने आई है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ। संजय काला ने बताया कि इस नए वैरिएंट से लडऩे कें लिये मेडिकल कॉलेज पूरी तरह से तैयार है। इसके लिये 22 वेड हैलट अस्पताल में सुरक्षित कर लिये गये है। डॉ काला ने गुरुवार को बताया कि कोरोना से लड़ाई जीतने का एक मात्र आसान तरीका सिर्फ सावधानी है। लोग बेफिक्र न रहे बल्कि सतर्क रहें।
कोरोना को लेकर प्रदेश में स्वास्थ्य महकमा सतर्क हो गया है। कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में ओमिक्रोन के लिए फिलहाल 22 बेड रिजर्व किए गए है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने कहा कि ओमिक्रोन वेरिएंट डेल्टा वेरिएंट जैसा खतरनाक नही है।ओमिक्रोन के दुनिया भर में 215 केस पाए गए हैं। जिन लोगों में ओमिक्रोन वेरिएंट पाया गया,उनमें गंभीर लक्षण नहीं पाए गए। ऐसे में इस वैरिएंट से डरने नही बल्कि सावधान रहने की जरूरत है। दुनिया के कई देशों में कोरोना का डेल्टा वेरिएंट फैल रहा है,जो ओमिक्रान से ज्यादा खतरनाक है। एहतियात के तौर पर मेडिकल कॉलेज में ओमिक्रान के लिए 22 बेड रिजर्व किए गए हैं।
तीन महीने में होंगे 1 हजार से ज्यादा ऑक्सीजन बेड
डॉ संजय काला ने बताया कि आने वाले तीन महीने में जीएसवीएम से संबद्ध सभी अस्पतालों में एक हजार से ज्यादा बेड ऑक्सीजन युक्त कर लिये जाएंगे। वर्तमान में यह संख्या 525 तक कर ली गयी है। तीन महीने के भीतर तीसरा ऑक्सीजन प्लांट शुरू कर दिया जाएगा। जिसके बाद से हैलट में एक हजार से ज्यादा मरीजों को ऑक्सीजन वाले बेड मिल सकेंगे।

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