लक्ष्मी पार्थसारथी ने भरतनाट्यम प्रस्तुति से किया मंत्रमुग्ध

देहरादून। स्पिक मैके ने महीने भर चलने वाले स्पिक मैके फेस्ट के तहत आर्यन स्कूल में नृत्यांगना लक्ष्मी पार्थसारथी ने भरतनाट्यम का एक लेक्चर डेमोस्ट्रेशन दिया। कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती वंदना से हुई। अपने प्रदर्शन के दौरान लक्ष्मी पार्थसारथी ने अपनी सुंदर चाल और मोहक भावों से छात्रों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने अपने प्रदर्शन की शुरुआत आदि शंकराचार्य के शिव पंचाक्षर स्तोत्रम नामक एक सुंदर रचना से की। इसके बाद उन्होने सवेरी राग में राजा स्वाति तिरुनाल की रचना प्रस्तुत की, जिसमें हनुमान जी का भगवान राम के प्रति समर्पण और भक्ति के प्रकरण को दर्शाया गया। उन्होंने लंका में हनुमान के सीता माता से मिलने और लक्ष्मण के जीवन को बचाने के लिए संजीवनी पर्वत लाने के दृश्य को कुशलता से चित्रित किया, जिससे मौजूद दर्शक मंत्रमुग्ध नजर आए। उन्होंने भरत नाट्यम को लेकर स्कूली बच्चों की जिज्ञासा को भी शांत किया। इस अवसर पर लक्ष्मी ने कहा कि वे स्कूल में दी इस प्रस्तुति दे से बेहद संतुष्ट हैं। चूंकि न सिर्फ उन्होंने नृत्य किया बल्कि स्कूली बच्चों को भारतनाट्यम की खूबियों से भी परिचित कराया। इस नृत्य को प्रसिद्ध गुरु चित्रा विश्वेश्वरन ने कोरियोग्राफ किया था, जो लक्ष्मी पार्थसारथी के गुरु भी हैं। लक्ष्मी ने अपने स्पष्ट भाव से कहानी के सार और उसके पीछे की भावना को खूबसूरती से दर्शाया। आर्यन स्कूल की प्रिंसिपल बी दासगुप्ता ने कहा कि यह कार्यक्रम भारतीय शास्त्रीय नृत्य और संस्कृति का एक अद्भुत उत्सव रहा। उनके साथ नट्टुवंगम पर विद्या रवींद्रन आनंद, मृदंगम पर एम धनंमजयम, वोकल और वायलिन पर इला संगीत दिलीप थे। कार्यक्रम का आयोजन एसआरएफ फाउंडेशन के सहयोग से किया गया।

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