विधायक समर्थकों ने किया प्रभात फेरी निकाल रहे ग्रामीणों पर पथराव
ऋषिकेश।
गांधी जयंती के एक रोज बाद आइडीपीएल स्थित कृष्णा नगर कालोनी को नगर निगम में शामिल किए जाने की मांग को लेकर स्थानीय निवासियों ने प्रभात फेरी निकाली। इस दौरान उनपर कुछ लोग ने हमला कर दिया। आरोप है कि हमलावर स्थानीय विधायक समर्थक हैं।
कृष्णा नगर जन संघर्ष संयुक्त समिति के संरक्षक डा बीएन तिवारी ने बताया कि सोहनलाल 40 वर्ष को चोट आई है। अन्य कुछ और लोग भी मामूली रूप से घायल हुए हैं, मौके पर भीड़ जमा है। पुलिस कंट्रोल रूम को सूचित करने के बाद लोग कृष्णा नगर चौक पर एकत्र हैं। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक महेश जोशी ने बताया कि पुलिस फोर्स को मौके पर भेजा जा रहा है। स्थानीय नागरिकों ने 15 अक्टूबर से अपनी मांग के समर्थन में पूर्व को में ही अनिश्चितकालीन धरना शुरू करने की घोषणा की थी।
कृष्णा नगर कॉलोनी में 3000 परिवार और 15000 की आबादी बसती है। इन सभी नागरिकों को स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालय योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्जवला योजना सहित अन्य योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इतना जरूर है कि यह सभी लोग लोकसभा और विधानसभा क्षेत्र के मतदाता हैं। आइडीपीएल को आवंटित भूमि पर यह कालोनी स्थित है। नागरिकों की मांग पर नगर निगम ऋषिकेश ने इस क्षेत्र को नगर निगम में शामिल करने का प्रस्ताव पारित किया था। इसके बाद नगर निगम के प्रथम स्थापना दिवस कार्यक्रम में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस क्षेत्र को नगर निगम में शामिल करने की घोषणा की थी। यह प्रक्रिया भी शासन में विचाराधीन है।
अपनी मांग के समर्थन में संघर्ष समिति के लोग एक सप्ताह पूर्व त्रिवेणी घाट में रैली निकालकर एक दिवसीय उपवास कर चुके हैं। संघर्ष समिति ने प्रत्येक रविवार को अपनी मांग के समर्थन में और स्थानीय विधायक के खिलाफ प्रभातफेरी निकालने की घोषणा की थी। 15 अक्टूबर से यह लोग अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने वाले हैं। नागरिकों का गुस्सा इस बात को लेकर भी है कि उनकी मांग पर अब तक स्थानीय विधायक ने कोई सुनवाई नहीं की है। इसी कारण उन्होंने काम नहीं तो वोट नहीं का नारा दिया है। हालांकि स्थानीय विधायक और विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने जब मुख्यमंत्री जन चेतना यात्रा पर ऋषिकेश आए थे तो उनके समक्ष 21 सूत्रीय मांग पत्र रखा था। मुख्यमंत्री ने कहा था कि वह कृष्णानगर को उजड़ने नहीं देंगे, लेकिन इस मामले में कार्रवाई आगे नहीं बढ़ी है।