मानव समाज में सद्धभावना उत्पन्न करती है भक्ति काव्य की रचना – प्रो. किशोरी लाल रेगर

वाराणसी, ।
डीएवी पीजी कॉलेज के हिन्दी विभाग के तत्वावधान में चल रहे दस दिवसीय ‘हिन्दी साहित्य के अध्ययन की समस्याए‘ विषयक राष्ट्रीय कार्यशाला के दूसरे दिन शुक्रवार को मुख्य वक्ता जोधपुर विश्वविद्यालय के प्रो. किशोरी लाल रेगर ने भक्तिकाव्य की रचनाओं पर प्रकाश डाला। प्रो. रेगर ने कहा कि भक्ति काव्य मानव समाज के बीच सद्धभाव की रचना है, भक्तिकाव्य जनपदीय संस्कृति के आन्दोलन का भाग है। जनपदों के बीच आपसी आवाजाही और लोक समझदारी के साथ इसे विश्लेषित करने की आवश्यकता है। प्राचार्य डॉ. सत्यदेव सिंह ने शुभकामना दी। संयोजन डॉ. समीर कुमार पाठक, संचालन डॉ. राकेश कुमार राम एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. राकेश कुमार द्विवेदी ने दिया। इस अवसर पर विभाग के अध्यापक एवं शोध छात्रों सहित विभिन्न विवि एवं महाविद्यालयों के अध्यापक भी जुड़े रहे।

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