विकास दुबे से कम नहीं है कन्नौज वाले राठौर का आतंक
कन्नौज
कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद प्रदेश एक खूंखार अपराधी से मुक्त जरूर हो गया, लेकिन ऐसे कई खतरनाक लुटेरे और हिस्ट्रशीटर अभी भी मौजूद हैं, जिन्होंने पुलिस की नाक में दम कर रखा है. साथ ही, देशवासियों के लिए भी ये बहुत बड़ा खतरा हैं. ऐसे ही एक कुख्यात बगमाश को मध्य प्रदेश की भिंड पुलिस ने धर दबोचा है. इस लुटेरे का ताल्लुक उत्तर प्रदेश से है और इसकी क्राइम हिस्ट्री सुनकर शायद आप भी हैरान रह जाएं।
पकड़े गए लुटेरे का नाम राहुल राठौर बताया जा रहा है. यह लुटेरा कन्नौज के एक ऐसे परिवार से आता है, जिसके कई सदस्यों पर हत्या, लूट और उगाही के लगभग 160 केस दर्ज हैं. प्रदेश भर के कई थानों की पुलिस इसे ढूंढ रही थी।
कुख्यात राहुल राठौर के तीन भाई पहले से ही जेल की हवा खा रहे हैं. उसका एक और भाई था, जिसे पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था. बताया जा रहा है पूरे कन्नौज में राहुल राठौर के परिवार का खौफ है. कन्नौज जिले के छिबरामऊ के उस्मानपुर गांव में रहने वाले राहुल राठौर के परिवार ने जिले भर में आतंक मचाया हुआ है।
पुलिस जानकारी के मुताबिक, बदमाश राहुल का सबसे बड़ा भाई धर्म सिंह उर्फ धरमा पर 38 मामले दर्ज हैं. उसका दूसरा भाई अजय राठौर उर्फ मिंटो 24 आपराधिक मामलों में नामजद है. तीसरा भाई टिल्लू था, जो पुलिस मुठभेड़ में मारा गया. टिल्लू इन सभी भाइयों में सबसे खूंखार था. उसके ऊपर 50 से ज्यादा केस हैं. चैथा भाई संजू राठौर है, जिसपर 20 मामले दर्ज हैं. इसके अलावा, राहुल के भतीजे (मिंटो के बेटे) पर भी 10 केस फाइल्ड हैं।
भिंड में पकड़ा गया राहुल दो साल से बिना किसी डर के लूटपाट को अंजाम दे रहा था. इस क्राइम में उसके दो साथी भी उसकी मदद करते थे. जानकारी के मुताबिक, मौजूदा समय में राहुल राठौर पर 32 केस दर्ज हैं. पुलिस का मानना है कि कन्नौज के ये भाई श्कानपुर वाले विकास दुबेश् से कम नहीं हैं।
दरअसल, पिछले 2 साल से भिंड के लहार विधानसभा क्षेत्र के कई थानों में लूटपाट की शिकायतें आ रही थीं. कुल 6 मामलों में वारदात का तरीका एक जैसा पाया गया. पता चला कि इन सभी वारदातों में लुटेरे एक जैसी ही बाइक से आए और हमेशा ही इनकी संख्या 3 रहती थी. इसके बाद पुलिस को क्राइम सीन पर एक सुराग ऐसा मिला जिसका कनेक्शन कन्नौज में राहुल के गांव से निकला. पुलिस ने प्लानिंग कर श्ऑपरेशन लूटश् की शुरुआत की और कई बदमाशों से पूछताछ भी की।
ऑपरेशन लूट को सफल बनाने के लिए पुलिस ने सुराग के जरिए पाए गए शहर (कन्नौज) जाने का फैसला किया. इसके बाद पुलिस करीब 27 बार कन्नौज के छिबरामऊ पहुंची. फिर पुलिस ने राहुल के परिवार की हिस्ट्रीशीट निकाली और बदमाशों के मूवमेंट को ट्रैक करना शुरू किया. जब बदमाशों को इसकी भनक लगी कि पुलिस अब उनके पीछे पड़ गई है, तो वह अंडरग्राउंड हो गए. लेकिन भिंड पुलिस ने हार नहीं मानी और बदमाशों की तलाश में लगी रही. कड़ी जांच-पड़ताल के बाद बीते सोमवार राठौर को छिबरामऊ से ही दबोच लिया गया।