परेड ग्राउंड में नौ अगस्त को नए आंदोलन का बिगुल बजाएंगे: राज्य आंदोलनकारी

विकासनगर। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच की रविवार को हरबर्टपुर में बैठक संपन्न हुई। बैठक में वक्ताओं ने प्रदेश में सशक्त भू-कानून लागू करने की मांग प्रदेश सरकार से की। कहा कि भू-कानून लागू नहीं होने से प्रदेश के जल, जंगल, जमीन पर साजिश के तहत बाहरी प्रांतों से आए लोगों को कब्जा दिया जा रहा है। बैठक में उत्तराखंड की संस्कृति और पहचान बचाने के लिए नौ अगस्त को परेड ग्रांउड से आंदोलन शुरू करने का निर्णय लिया गया।
मंच के प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन नेगी ने कहा कि राज्य गठन के 23 साल बाद भी मूल निवासियों को कोई लाभ नहीं मिला है। राज्य के निवासियों को लाभ के बजाय नुकसान ही हुआ है। जल, जंगल और जमीन जो मूल निवासियों की पूंजी है उस पर साजिश के तहत सरकारी संरक्षण में बाहरी लोगों से कब्जा कराया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में आते ही बाहरी लोगों को सरकारी सेवाओं में नियुक्ति दी जा रही है, जबकि स्थानीय युवा की बेरोजगारी दर बढ़ती जा रही है। कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए प्रदेश में सशक्त भू कानून लागू किया जाना जरूरी है। मंच के नगर अध्यक्ष राकेश अमोली ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर के आंकड़ो से जाहिर होता है कि देश भर में सबसे अधिक बेरोजगारी की दर उत्तराखंड में है। पर्वतीय जिलों में भी जिस तरह से बाहरी लोगों की बसागत हो रही है, उससे उत्तराखंड की संस्कृति और पहचान को खतरा पैदा हो गया है। बैठक की अध्यक्षता कर रही उर्मिला शर्मा ने कहा कि उत्तराखंड की मूल संस्कृति को बचाने के लिए राज्य आंदोलन की तर्ज पर ही एक नया आंदोलन शुरु करने की जरूरत है। इसकी शुरुआत नौ अगस्त को क्रांति दिवस पर परेड ग्राउंड से होगी। इस दिन राज्य आंदोलनकारी और राज्य हितेषी प्रदेश की मूल संस्कृति को बचाए रखने के लिए आंदोलन का बिगुल बजाएंगे। बैठक का संचालन अनिल कांडपाल ने किया। इस दौरान प्रदीप कुकरेती, रामलाल खंडूड़ी, मुन्नी खंडूड़ी, लक्ष्मी दत्त मिश्रा, संतोष रावत, श्रीदेव बहुगुणा, नरेश, दिनेश भारद्वाज, उमा गुप्ता, भारती खंडूड़ी, नीलम पुरोहित, शारदा आदि मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *